Proud moment for India:चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा !

23 अगस्त हर भारती के लिए यादगार रहेगा ,साथ ही Space research से जुड़े सभी लोगों के लिए भी। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग द्वारा ISRO ने बहुत बड़ा इतिहास रचा है। बुधवार को ISRO ने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘soft landing’ कराकर अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया।

भारत के लिए गौरव का पल (Proud moment for India): 

चांद पर भारत ने सफलता हासिल की है। चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर उतर कर इतिहास बनाया है। भारत पहला देश बन गया है जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा है। भारत के लिए चांद पर अपना झंडा लहराना एक महत्वपूर्ण historic moment है। Chandrayaan-3 के लैंडर विक्रम ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है। लेकिन आप जानते है इस मिशन को सफल बनाने वाले व्यक्ति कौन हैं? चंद्रयान-3 का मिशन निदेशक मोहन कुमार है, जबकि rocket director बीजू सी. थॉमस है। भारतीय ISRO के एक senior अधिकारी ने बताया कि लगभग 54 women scientists और engineers ने सीधे चंद्रयान-3 मिशन के लिए काम किया था।

चंद्रयान 3 लैंडिंग (Chandrayaan 3 Landing):

चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद, प्रज्ञान रोवर उसमें से बाहर निकलेगा और चंद्रमा की सतह पर घूमकर उसकी सतह पर अध्ययन करेगा और जानकारी प्राप्त करेगा।14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले चंद्रयान-3 ने अपनी 40 दिनों की यात्रा पूरी की है।

प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से कब तक निकलेगा (When will the Pragyan rover come out from the Vikram lander?)

  • ISRO के प्रमुख एस. सोमनाथ ने press conference करके चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चंद्रमा पर पहुंचने और प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से निकलने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी हैं।Chandrayaan-3 अभियान का एक Vikram lander चंद्रमा पर पहुंच गया है। इस लैंडर में एक रोवर भी है जो चंद्रमा को खोजेगा। Pragyan इस रोवर का नाम है। प्रज्ञान रोवर जल्द ही बाहर आएगा और इसमें एक दिन भी लग सकता है।
  • रोवर पहले लेज़र से उस जमीन का अध्ययन करने वाले है इसके अलावा, उसके रसायन का पता लगाने की भी कोशिश की जाएगी।ISRO के chief ने बताया कि इस अभियान में सबसे कठिन काम उपग्रह को अंतरिक्ष में ले जाकर छोड़ना था।इसके बाद चंद्रमा पर उतरने के लिए दूसरा कठिन काम था।
  • इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) और ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के ग्राउंड स्टेशंस को धन्यवाद भी कहा।सोमनाथ ने कहा कि इस अभियान की सफलता कई विदेशी एजेंसियों की मदद से हुई है।

Chandrayaan-3 की सफलता पर दुनिया ने दी बधाई तो पीएम मोदी ने ऐसे आभार जताया:

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) (ISRO) chief S.Somnath ने चंद्रयान-3 की सफल landing के बाद अभियान की सफलता की घोषणा की। उन्हें बोलने के लिए ISRO chief ने PM Modi का अभिवादन किया। उनका कहना था, “मैं अपने प्रधानमंत्री से हमें आशीर्वाद देने को कहूंगा।
  • गुरुवार (24 अगस्त) को ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे कल से सभी के बधाई संदेश मिल रहे हैं।                                                                                   
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अब तक इस क्षेत्र में उतरने की कोशिश नहीं की थी, जहां पहुंचने का target था। भारत का प्रयत्न सफल हुआ है। विज्ञान ने बहुत कुछ पाया है। यह विज्ञान और वैज्ञानिकों की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए लगभग पूरी तरह से दक्षिण अफ़्रीका गए।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारे परिवारजनों जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं, जीवन धन्य हो जाता है।”ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं से देश का जीवन बदल जाता है। ये क्षण बेशकीमती है।
  • विभिन्न देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंद्रयान-3 की सफलता पर बधाई दी।चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट-लैंडिंग के लिए भारत को दुनिया भर के देशों ने प्रशंसा की है। अभी भी शुभकामनाएं और बधाइयां जारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रशंसा करने वाले लोगों का आभार व्यक्त किया है।

क्या यह उपबल्धि इतनी विशिष्ट है? (Is this achievement that special?):

भारत पहला देश है जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव वाले क्षेत्र में Chandrayaan-3 की सुरक्षित और सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है, जो वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। रूस का चंद्र मिशन लूना-25 भी दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए हाल में लॉन्च किया गया था। 20 अगस्त को, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos ने बताया कि मिशन चंद्रमा से टकराकर फेल हो गया।

चार साल पहले, भारत का दूसरा चंद्र मिशन ‘Chandrayaan-2’ भी नियंत्रण से बाहर होकर landing के अंतिम चरण में crashed हो गया था। इसके बाद, इसरो ने सिर्फ चार साल में चंद्रमा पर soft landing की सफलता हासिल की है। इसलिए चारों ओर से बधाइयां और शुभकामनाएं आ रही हैं।

लैंडिंग मिशन (landing mission):

स्पष्ट Lunar Rover सहित कई और बातें इसे महत्वपूर्ण बनाते हैं।
लूना 25 को लॉन्चिंग के बाद भेजा गया था, लेकिन उसका लक्ष्य पहले पहुंचने का था। ठीक इसके विपरीत, ‘Chandrayaan-3’ को अधिक समय मिला अपने आस-पास की चीज़ों को देखने, जांचने और परखने के लिए, ताकि वह लैंडिंग के लिए एक बेहतर स्थान चुन सके।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार सुबह लैंडिंग से पहले एक Time Lapse वीडियो जारी किया।इस दो मिनट के वीडियो में Chandrayaan-3 के निर्माण का हर चरण दिखाया और समझाया गया है।

ISRO का अगला लक्ष्य क्या है? (What is the next target of ISRO?)

बताया जाता है कि जाक् सा और इसरो के अगले मून मिशन का नाम लुपेक्स LUPEX है, या लूनर पोलर एक्सप्लोरेश मिशन। इसके तहत जाक्सा की जिम्मेवार रोवर और लैंडर को तैयार करना ISRO’का काम है।

लुपेक्स मिशन कब शुरू होगा? (When will LUPEX mission start?)

 मिशन रिपोर्ट के अनुसार, जापान और भारत के मून मिशन में सिर्फ JAXA और ISRO के instruments नहीं होंगे। इस मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ESA के उपकरण भी शामिल होंगे। ISRO के अधिकारी ने कहा कि LUPEX mission को साल 2025 में शुरू करने की योजना है। यह मिशन के उत्तरी पोलर रीजन में लैंड करेगा।

https://theuniversalgyaan.com/

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