Zero Shadow Day: भारत में Zero Shadow Day होगा 18 अगस्त के दिन

कुदरत की बनाई ये दुनिया सच में कई रहस्यों से भरी हुई है इन रहस्यों का पर्दाफाश होते ही वैज्ञानिक भी हैरान रह जाते हैं। ये रहस्य आँखों के सामने आने पर लोगों को भी हैरान कर देते हैं। चलो हम जानते है इस रहस्य वाले दिन के बारे में ,क्यों लोग 18 अगस्त को  zero shadow day बोल रहे है।

18 अगस्त Zero shadow day

8 अगस्त 2023 को भारत में कुछ भी नहीं दिखेगा। क्योंकि zero shadow day है जब सूर्य ठीक सिर पर होता है, शून्य छाया दिवस एक खास खगोलीय घटना है। यह दिन है जब ऊर्ध्वाधर वस्तुओं की छाया नहीं रहती।

Scientists भी कई mysteries से भरी हुई इस दुनिया को जानकर हैरान रहते हैं। आँखों के सामने ये रहस्य भी लोगों को हैरान करते हैं। अगस्त महीने में कुछ ऐसी astronomical events होने वाली हैं, जो हर हजार वर्ष में एक बार होती हैं। इसलिए आप इस वर्ष अगस्त में होने वाली घटनाओं को देखने के लिए बहुत भाग्यशाली हैं।

18 अगस्त को zero shadow day भारत में मनाया जाएगा:

वैज्ञानिकों का कहना है कि आज हमारे देश में कुछ नहीं होगा। इसलिए आज Zero Shadow Dayहै। ये घटना तब होती है जब सूर्य हमारी धरती के बिल्कुल ऊपर आता है। यही कारण है कि कोई परछाई नहीं बनती। आप गलत हैं अगर आपको लगता है कि इस दिन हमारी परछाई बिल्कुल गायब हो जाएगी। सूर्य की लंबी किरणें इस दिन हमारी shadowको हमारे पैरों के नीचे स्थिर करती हैं, इसलिए वह हमें दिखाई देती है।

Zero shadow day के बारे में कुछ खास तथ्य :

1.क्या है जीरो शैडो डे? (What is Zero Shadow Day?)
18 august को , सूरज की पोजिशन लोगों के सिर के ऊपर इतनी बदल जाएगी कि उनकी छाया भी नहीं दिखाई देगी । यही कारण है कि इसे Zero Shadow Day कहा जाता है। यह दिन है, जब सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर आता है। इसलिए हमारी कोई परछाई नहीं बनती। इसलिए यह स्थिति Zero Shadow कहलाती है।
2.परछाई कहाँ जाती है? (Where does the shadow go?)
इस दिन छाया पूरी तरह से गायब नहीं है। दरअसल, जब सूरज हमारे सिर के ऊपर होता है, तो उसकी rays हम पर vertically पड़ती हैं। यही कारण है कि हमारी shadow पूरी तरह से हमारे पैरों के नीचे होती है न कि कुछ दूर। सीधे खड़े रहने पर कोई परछाई नहीं दिखती।
3.सूर्य और पृथ्वी की स्थिति (Position of Sun and Earth)
earth’s rotation की spindle tilt इस विशेष स्थिति का कारण है। सूर्य के परिक्रमा तल के vertical होने की बजाय, पृथ्वी 23.5 डिग्री झुकी हुई है। यही कारण है कि हर दिन दोपहर में सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर नहीं आ सकता। लेकिन, कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थान पर, जब पृथ्वी पर सूरज की रोशनी एकदम संभव होती है, ऐसा हर साल दो बार होता है। साल में दो बार, यानी कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थानों पर Zero shadow day आता है।

 

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